मंगलवार, 8 जुलाई 2014

सुशील मोदी जी को 'बिहार निकाला' की सजा मिले

हरियाणा के भाजपा नेता धनकड़ के साथ बिहार के भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं १० वर्षों तक बिहार के पूर्व उप मुख्य मंत्री रहे श्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार की बेटियों के लिए जो बयानबाजी कर रहे हैं और उस पर अड़े हुए भी हैं, बिलकुल बर्दास्त योग्य नहीं हैं. अगर लालू जी ने अपनी बेटियों की शादी हरियाणा में की है तो क्या यह अपराध है? क्या इसका मतलब यह हुआ की बिहार की सभी लड़कियों की शादी जबरन हरियाणा में कर दी जाए? यह तो किसी घटिया सोच का नतीजा हो सकता है. सुशील जी बताएं कि उनके घर में फुआ, बहन, बेटी, पोती आदि की शादी कहीं न कहीं हुई होगी तो क्या उनके यहां जन्मे सभी बहन बेटियों की शादी खरीद फरोख्त द्वारा ही हुआ है? यदि नहीं, तो धनकड़ एवं हरियाणा के अविवाहित नवयुवकों के साथ इतनी हमदर्दी रखनेवाले को चाहिए कि सुशील मोदी जी की घर की महिलायें उनके कान पकड़कर तथा बिहार महिला आयोग की मदद लेकर 'बिहार निकाला' की सजा दिलाएं। यदि सुशील जी को बिहार की बेटियों की इतनी ही चिंता है तो वे बताएं कि  नौकरी के नाम पर ठगी करनेवाले लड़कियों को बेचनेवाले कितने कारोबारिओं को उन्होंने सजा दिलवाए हैं? कितनी बेटियों को बचाने का काम कियेहैं? यदि नहीं, तो किसने इन्हे सारे बिहार की बेटियों को बेचने का अधिकार दिया है? संविधान ने तो बेटी के पिता को भी ऐसा अधिकार नहीं दिया है कि जबरन अपनी बेटी की शादी किसी कुँवरठेठा बंडा के साथ करवाये। यदि हरियाणा वाले अपने यहां खाप पंचायत द्वारा जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार करते नहीं थक रहे हैं एवं बेटी भ्रूण ह्त्या जैसे असामाजिक तथा अमानवीय अपराध कर रहे हैं उसकी सजा तो उन्हें भुगतनी ही चाहिए। सुशील जी संविधान के नियमों के उलंघनकर्ता को सजा दिलवाने के बजाये उन्हें तो और पुरष्कृत करने के प्रस्ताव में धनकड के साथ युगलबंदी कर रहे हैं. हरियाणा वाले अपराध किये हैं तो वे लोग प्रायश्चित के तौर पर सन्यासी जीवन बिताएं तथा समाज एवं देश के कल्याण के काम कर अपने समाज और राज्य के कलंक को धोएं तो शायद माँ दुर्गा उन्हें क्षमा कर दें।
-- सरिता कुमारी          

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