अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 08 मार्च 2025 की शुभकामनाओं सहित
नारी-गाथा
सुनो बेटा वालों, सुनो बेटी वालों, अब दोनों को बराबर
अपनाया करो।
कौन कहता है बेटी परायी होती, आप बेटों के
जैसे पढ़ाते नहीं।
कौन कहता है बेटी कमजोर होती, मैरीकॉम के
जैसे बनाते नहीं।
कौन कहता है बेटी गृह-शोभा होती, सुनीता
विलियम्स क़े जैसे उड़ने देते नहीं।
कौन कहता है बेटी बोझ होती, आप इंदिरा के जैसे
बनाते नहीं।
कौन कहता है बेटी को देने होंगे दहेज़,
बेटों जैसे अधिकार तो देते नहीं।
कौन कहता है बेटी गृह-काजी होती, मैडम क्यूरी के
जैसे पढ़ाते नहीं।
सुनो दुनिया वालों, अब बहाना छोड़ो, आप
बराबर नज़रिये से देखा करो।
रचयिता सरिता कुमारी